Movie/Album: द ट्रेन (2007)
Music By: मिथुन शर्मा
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: मिथुन शर्मा
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर गम दिए
जितने भी मौसम दिए सब नम दिए
जब तड़पता है कभी अपना कोई
खून के आंसू रुला दे बेबसी
जी के फिर करना क्या मुझको ऐसी ज़िन्दगी
जिसने ज़ख्मों को नहीं मरहम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
अपने भी पेश आये हमसे अजनबी
वक़्त की साजिश कोई समझा नहीं
बेइरादा कुछ खताएं हमसे हो गयी
राह में पत्थर मेरी हरदम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
इक मुकम्मल कश्मकश है ज़िन्दगी
उसने हमसे की कभी ना दोस्ती
जब मिली मुझको आंसू के वो तोहफे दे गयी
हँस सकें हम ऐसे मौके कम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
Music By: मिथुन शर्मा
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: मिथुन शर्मा
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर गम दिए
जितने भी मौसम दिए सब नम दिए
जब तड़पता है कभी अपना कोई
खून के आंसू रुला दे बेबसी
जी के फिर करना क्या मुझको ऐसी ज़िन्दगी
जिसने ज़ख्मों को नहीं मरहम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
अपने भी पेश आये हमसे अजनबी
वक़्त की साजिश कोई समझा नहीं
बेइरादा कुछ खताएं हमसे हो गयी
राह में पत्थर मेरी हरदम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
इक मुकम्मल कश्मकश है ज़िन्दगी
उसने हमसे की कभी ना दोस्ती
जब मिली मुझको आंसू के वो तोहफे दे गयी
हँस सकें हम ऐसे मौके कम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर...
No comments:
Post a Comment