Movie/Album: मंगल पांडे (1973)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: आमिर खान, चिन्मयी, उदित नारायण, मधुश्री, श्रीनिवास
होली है!
होली आई, रंग फूट पड़े
ये छलक छलक, वो ढलक ढलक
फिर बाजे घुँघरू ढोल बड़े
ये छलक छलक, वो धमक धमक
सब निकले हैं पी पी के घड़े
ये लपक लपक, वो धुमक धुमक
छम छम नाचे परियों की धुनें
ये थिरक थिरक, वो मटक मटक
ये छलक छलक, वो ढलक ढलकये छलक छलक, वो धमक धमक
ये लपक लपक, वो धुमक धुमक
ये थिरक थिरक, वो मटक मटक
देखो आई होली, रंग लायी होली
चली पिचकारी उड़ा है गुलाल
होली की है घटा, मन झूम उठा
रंग छलके हैं नीले हरे लाल
रंग रेली में रंग खेलूंगी, रंग जाऊँगी
रंग गहरे हैं, अबके साल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
भीगी चोली चुनरी भी गीली हुई
सजनाजी देखो मैं रंगीली हुई
थोड़ी थोड़ी तू जो नशीली हुई
पतली कमर लचकीली हुई
मन क्यों ना बहके, तन क्यों न दहके
तुम रह रह के, मत फेंको ये नज़रों का जाल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
आज हुआ एक सा कमाल
रंग ऐसे उड़े देखने में लगे, कोई रंगे हवाओं के बाल
चांदी की थाल से लेके गुलाल
अब राधा से खेलेंगे होली मुरारी
राधा भी नटखट है, पलटी वो झटपट है
मारे कन्हैया को है पिचकारी
देखने वाले तो दंग हुए हैं
के होली में दोनों जो संग हुए हैं
तो राधा काँन्हा एक रंग हुए हैं
कौन है राधा, कौन है काँन्हा
कौन ये समझा, कौन ये जाना
होली में जो सजनी से नयन लड़े
थामी हैं कलाई के बात बढ़े
तीर से जैसे मेरे मन में गड़े
तेरी ये नजरिया जो मुझपे पड़े
जो ये रास रचे, जो ये धूम मचे, कोई कैसे बचे
हमसे पूछो ना तुम ये सवाल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: आमिर खान, चिन्मयी, उदित नारायण, मधुश्री, श्रीनिवास
होली है!
होली आई, रंग फूट पड़े
ये छलक छलक, वो ढलक ढलक
फिर बाजे घुँघरू ढोल बड़े
ये छलक छलक, वो धमक धमक
सब निकले हैं पी पी के घड़े
ये लपक लपक, वो धुमक धुमक
छम छम नाचे परियों की धुनें
ये थिरक थिरक, वो मटक मटक
ये छलक छलक, वो ढलक ढलकये छलक छलक, वो धमक धमक
ये लपक लपक, वो धुमक धुमक
ये थिरक थिरक, वो मटक मटक
देखो आई होली, रंग लायी होली
चली पिचकारी उड़ा है गुलाल
होली की है घटा, मन झूम उठा
रंग छलके हैं नीले हरे लाल
रंग रेली में रंग खेलूंगी, रंग जाऊँगी
रंग गहरे हैं, अबके साल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
भीगी चोली चुनरी भी गीली हुई
सजनाजी देखो मैं रंगीली हुई
थोड़ी थोड़ी तू जो नशीली हुई
पतली कमर लचकीली हुई
मन क्यों ना बहके, तन क्यों न दहके
तुम रह रह के, मत फेंको ये नज़रों का जाल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
आज हुआ एक सा कमाल
रंग ऐसे उड़े देखने में लगे, कोई रंगे हवाओं के बाल
चांदी की थाल से लेके गुलाल
अब राधा से खेलेंगे होली मुरारी
राधा भी नटखट है, पलटी वो झटपट है
मारे कन्हैया को है पिचकारी
देखने वाले तो दंग हुए हैं
के होली में दोनों जो संग हुए हैं
तो राधा काँन्हा एक रंग हुए हैं
कौन है राधा, कौन है काँन्हा
कौन ये समझा, कौन ये जाना
होली में जो सजनी से नयन लड़े
थामी हैं कलाई के बात बढ़े
तीर से जैसे मेरे मन में गड़े
तेरी ये नजरिया जो मुझपे पड़े
जो ये रास रचे, जो ये धूम मचे, कोई कैसे बचे
हमसे पूछो ना तुम ये सवाल
अब हमें कोई रोके नहीं, अब हमें कोई टोके नहीं
अब होने दो हो जो भी हाल
देखो आई होली...
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