मस्त बहारों का मैं आशिक़ - Mast Baharon Ka Main Aashiq (Md.Rafi)



Movie/Album: फ़र्ज़ (1967)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी

मस्त बहारों का मैं आशिक़ मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ, चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए, मेरे लिए

मैं हूँ वो दीवाना जिसके सब दीवाने हाँ
किसको है ज़रूरत तेरी ऐ ज़माने हाँ
मेरा अपना रास्ता, दुनिया से क्या वास्ता
मेरे दिल में तमन्नाओं की
दुनिया जवां है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक...

मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हाँ
मेरी राहें रोक ले नज़रें तू बिछा दे हाँ
तेरे सर की है कसम, मैं जो चला गया सनम
तो ये रुत भी चली जाएगी
ये तो यहाँ है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक...

सबको ये बता दो कह दो हर नज़र से हाँ
कोई भी मेरे सिवा गुज़रे ना इधर से हाँ
बतला दो जहां को, समझा दो ख़िज़ां को
आए-जाए यहाँ ना कोई
ये गुलसितां है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक...

No comments:

Post a Comment