Movie/Album: मेरे हमदम मेरे दोस्त (1968)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो. रफ़ी
न जा, कहीं अब न जा
दिल के सिवा
है यही दिल, कूचा तेरा
ऐ मेरे हमदम, मेरे दोस्त
न जा कहीं...
बेसबब उड़ेगी हरसू
तेरे पैरहन की खुशबू
इधर तो आ, संवार दूं
खुले-खुले ये गेसू
वफ़ा देती है सदा
न जा कहीं...
आके खून-ए-दिल मिला के
भर दूँ इन लबों के खाके
बुझा-बुझा बदन तेरा
कँवल-कँवल बना के
खिला दूँ रंग-ए-हिना
न जा कहीं...
आज शहर-ए-दिल में चलकर
सूरत-ए-चराग़ जलकर
इसी झुकी हुई नज़र
के काजल से दिल पर
लिखे आ नाम-ए-वफ़ा
न जा कहीं...
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो. रफ़ी
न जा, कहीं अब न जा
दिल के सिवा
है यही दिल, कूचा तेरा
ऐ मेरे हमदम, मेरे दोस्त
न जा कहीं...
बेसबब उड़ेगी हरसू
तेरे पैरहन की खुशबू
इधर तो आ, संवार दूं
खुले-खुले ये गेसू
वफ़ा देती है सदा
न जा कहीं...
आके खून-ए-दिल मिला के
भर दूँ इन लबों के खाके
बुझा-बुझा बदन तेरा
कँवल-कँवल बना के
खिला दूँ रंग-ए-हिना
न जा कहीं...
आज शहर-ए-दिल में चलकर
सूरत-ए-चराग़ जलकर
इसी झुकी हुई नज़र
के काजल से दिल पर
लिखे आ नाम-ए-वफ़ा
न जा कहीं...
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