Movie/Album: रिफ्यूजी (2000)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: जावेद अख्तरMusic By: अनु मलिक
Performed By: अलका याग्निक, सोनू निगम
ऐसा लगता है, जो ना हुआ, होने को है
ऐसा लगता है, अब दिल मेरा खोने को है
वर्ना, दिल क्यों धड़कता
सांसें क्यों रूकती
नींदें मेरी क्यों उड़ जाती
ऐसा लगता है...
कोई चेहरा निगाहों पे छाने लगा
मौसम कोई ग़ज़ल जैसे गाने लगा
ऐसा लगता है, जैसे नशा होने को है..
ऐसा लगता है, होश मेरा खोने को है..
महकी, महकी फिजा ने ली अंगड़ाइयां
नीली, नीली है बादल की परछाइयां
ठंडी, ठंडी हवा लायी राग नया
गूंजी, गूंजी सी है जैसे शहनाइयां
ऐसा लगता है, कोई मेरा होने को है..
ऐसा लगता है, हर फासला खोने को है..
ऐसा लगता है, जो ना हुआ, होने को है
ऐसा लगता है, अब दिल मेरा खोने को है
वर्ना, दिल क्यों धड़कता
सांसें क्यों रूकती
नींदें मेरी क्यों उड़ जाती
ऐसा लगता है...
कोई चेहरा निगाहों पे छाने लगा
कोई अब रोज़ ख़्वाबों में आने लगा
आई रुत जो नयी, जागे अरमां कईमौसम कोई ग़ज़ल जैसे गाने लगा
ऐसा लगता है, जैसे नशा होने को है..
ऐसा लगता है, होश मेरा खोने को है..
महकी, महकी फिजा ने ली अंगड़ाइयां
नीली, नीली है बादल की परछाइयां
ठंडी, ठंडी हवा लायी राग नया
गूंजी, गूंजी सी है जैसे शहनाइयां
ऐसा लगता है, कोई मेरा होने को है..
ऐसा लगता है, हर फासला खोने को है..
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