रात की हथेली पर - Raat Ki Hatheli Par (Udit Narayan, Refugee)



Movie/Album: रिफ्यूजी (2000)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण

रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में
तुमको देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है
दिल धड़क सा जाता है

तुम कहाँ से आई हो
किस नगर को जाओगी
सोचता हूँ मैं  हैरां
चाँद जैसा ये चेहरा
रात जैसी ये जुल्फें
है जगाएं सौ अरमां
एक नशा सा आँखों में, धीरे-धीरे छाता है
रात की हथेली पर...

मेरी इस तन्हाई में
मेरे इस वीराने में
रंग लेके तुम आई
फिर भी सोचता हूँ मैं
क्या यहाँ तुम सचमुच हो
या हो सिर्फ परछाई
ख्व़ाब जैसा बनता है और टूट जाता है
रात की हथेली पर...

No comments:

Post a Comment