आँखों ही आँखों में इशारा - Aankhon Hi Aankhon Mein Ishara (Md.Rafi, Geeta Dutt)



Movie/Album: सी.आई.डी. (1956)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: जां निसार अख्तर
Performed By: मो.रफ़ी, गीता दत्त

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया

गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिये, ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा...

चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैंनों में रंग है, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा...

अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है
हमको है सब पता, दिल में क्या चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा...

कैसा ये प्यार है, कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा...

No comments:

Post a Comment