Movie/Album: गूँज उठी शहनाई (1959)
Music By: वसंत देसाई
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: लता मंगेशकर, मो. रफ़ी
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
बादल घिर-घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है
मेरे पाँवों में बेड़ी पड़ी है
किन घड़ियों में अँखियाँ लड़ी हैं
बारों (बारहों) महीने सावन की झड़ी है
इक पल मुखड़ा दिखा जा
दिल का दुखड़ा मिटा जा
तुझ बिन सूना-सूना, मेरा है जहान रे
तेरी शहनाई बोले...
आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ
तेरे प्यार के सपने सजाऊँ
जिया चाहे के उड़ के मैं आऊँ
पिया पंख कहाँ से मैं लाऊँ
मैं यहाँ, तू वहाँ
बीच में है जहां
कैसे पूरे हो अब अरमान रे
बादल घिर-घिर आए...
Music By: वसंत देसाई
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: लता मंगेशकर, मो. रफ़ी
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
बादल घिर-घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है
मेरे पाँवों में बेड़ी पड़ी है
किन घड़ियों में अँखियाँ लड़ी हैं
बारों (बारहों) महीने सावन की झड़ी है
इक पल मुखड़ा दिखा जा
दिल का दुखड़ा मिटा जा
तुझ बिन सूना-सूना, मेरा है जहान रे
तेरी शहनाई बोले...
आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ
तेरे प्यार के सपने सजाऊँ
जिया चाहे के उड़ के मैं आऊँ
पिया पंख कहाँ से मैं लाऊँ
मैं यहाँ, तू वहाँ
बीच में है जहां
कैसे पूरे हो अब अरमान रे
बादल घिर-घिर आए...
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