Movie/Album: दुनिया (1968)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: किशोर कुमार, आशा भोंसले
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
ऐसी मिली दो निगाहें, मिलती है जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी, गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
प्यार की शहनाईयाँ बज गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
एक डगर पे मिले हैं, हम-तुम दो हम-साये
ऐसा लगा तुमसे मिलकर, दिन बचपन के आए
वादियाँ उम्मीद की सज गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
पहले कभी अजनबी थे, अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको, साथी पुराने तुम्ही हो
बस्तियाँ अरमान की बस गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: किशोर कुमार, आशा भोंसले
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
ऐसी मिली दो निगाहें, मिलती है जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी, गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
प्यार की शहनाईयाँ बज गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
एक डगर पे मिले हैं, हम-तुम दो हम-साये
ऐसा लगा तुमसे मिलकर, दिन बचपन के आए
वादियाँ उम्मीद की सज गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
पहले कभी अजनबी थे, अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको, साथी पुराने तुम्ही हो
बस्तियाँ अरमान की बस गईं, अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ...
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