Movie/Album: अदालत (1958)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
ज़मीं से हमें आसमां पर, बिठा के गिरा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें के दिल में, बसा के भूला तो ना दोगे
ऐ रात इस वक्त आँचल में तेरे जितने भी हैं ये सितारें
जो दे दे तू मुझको, तो फिर मैं लूटा दू, किसी की नज़र पे ये सारे
कहो के ये रंगीन सपनें, सजा के मिटा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें...
तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े हैं, है मंज़िल कहाँ दिल न जाने
जो तुम साथ दोगे, तो आएगी इक दिन, मंज़िल गले से लगाने
इतना तो दिल को यकीं है, हमें तुम दगा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
ज़मीं से हमें आसमां पर, बिठा के गिरा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें के दिल में, बसा के भूला तो ना दोगे
ऐ रात इस वक्त आँचल में तेरे जितने भी हैं ये सितारें
जो दे दे तू मुझको, तो फिर मैं लूटा दू, किसी की नज़र पे ये सारे
कहो के ये रंगीन सपनें, सजा के मिटा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें...
तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े हैं, है मंज़िल कहाँ दिल न जाने
जो तुम साथ दोगे, तो आएगी इक दिन, मंज़िल गले से लगाने
इतना तो दिल को यकीं है, हमें तुम दगा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें...
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