Movie/Album: कश्मीर की कली (1964)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: एस.एच.बिहारी
Performed By: मो.रफ़ी
सुभान अल्लाह हाय
हंसीं चेहरा हाय
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
तुम्हें देखा हाय
तो दिल बोला हाय
कि तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
करे पूजा ज़माना जिसकी वो तस्वीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
क़मर पतली हाय
नज़र बिजली हाय
है ज़ुल्फ़ें या घटाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
न जाने किसकी क़िस्मत में है मुखड़ा चाँद सा ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
इजाज़त हो तो हाय
फिर हम भी हाय
मुक़द्दर आज़माएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
बड़ी हसरत से तुमको देखता है ये ज़माना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
कोई दिल हो हाय
कोई महफ़िल हाय
जहाँ भी आप जाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: एस.एच.बिहारी
Performed By: मो.रफ़ी
सुभान अल्लाह हाय
हंसीं चेहरा हाय
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
तुम्हें देखा हाय
तो दिल बोला हाय
कि तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
करे पूजा ज़माना जिसकी वो तस्वीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
क़मर पतली हाय
नज़र बिजली हाय
है ज़ुल्फ़ें या घटाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
न जाने किसकी क़िस्मत में है मुखड़ा चाँद सा ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
इजाज़त हो तो हाय
फिर हम भी हाय
मुक़द्दर आज़माएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
बड़ी हसरत से तुमको देखता है ये ज़माना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
कोई दिल हो हाय
कोई महफ़िल हाय
जहाँ भी आप जाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे...
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