Movie/Album: माचिस (1996)
Music By: विशाल भरद्वाज
Lyrics By: सम्पूर्ण सिंह गुलज़ार
Performed By: सुरेश वाडेकर, के.के., हरिहरन
छोड़ आये हम वो गलियाँ
जहाँ तेरे पैरों के कँवल गिरा करते थे
हँसे तो दो गालों में भंवर पड़ा करते थे
तेरी कमर के बल पे नदी मुड़ा करती थी
हंसी तेरी सुन सुनके फसल पका करती थी
छोड़ आये हम...
जहाँ तेरी एड़ी से धूप उड़ा करती थी
सुना है उस चौखट पे अब शाम रहा करती है
लटों से उलझी लिपटी इक रात हुआ करती थी
कभी-कभी तकिये पे वो भी मिला करती थी
छोड़ आये हम...
दिल दर्द का टुकड़ा है पत्थर की डली सी है
इक अँधा कुआँ है या इक बंद गली सी है
इक छोटा सा लम्हां है जो ख़त्म नहीं होता
मैं लाख जलाता हूँ ये भस्म नहीं होता
छोड़ आये हम...
Music By: विशाल भरद्वाज
Lyrics By: सम्पूर्ण सिंह गुलज़ार
Performed By: सुरेश वाडेकर, के.के., हरिहरन
छोड़ आये हम वो गलियाँ
जहाँ तेरे पैरों के कँवल गिरा करते थे
हँसे तो दो गालों में भंवर पड़ा करते थे
तेरी कमर के बल पे नदी मुड़ा करती थी
हंसी तेरी सुन सुनके फसल पका करती थी
छोड़ आये हम...
जहाँ तेरी एड़ी से धूप उड़ा करती थी
सुना है उस चौखट पे अब शाम रहा करती है
लटों से उलझी लिपटी इक रात हुआ करती थी
कभी-कभी तकिये पे वो भी मिला करती थी
छोड़ आये हम...
दिल दर्द का टुकड़ा है पत्थर की डली सी है
इक अँधा कुआँ है या इक बंद गली सी है
इक छोटा सा लम्हां है जो ख़त्म नहीं होता
मैं लाख जलाता हूँ ये भस्म नहीं होता
छोड़ आये हम...
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